Rajasthan Chunav Result 2023,KON HOGA AGLA CM,VASUNDRA,GEHLOT,OTHER राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवबंर को मतदान संपन्न हो गया है। इस बार राज्य में करीब 75 प्रतिशत मतदान हुआ है। बंपर मतदान को लेकर सत्ताधारी कांग्रेस को सत्ता बरकरार रहने की उम्मीद है। कांग्रेस मान रही है कि गहलोत की ‘सात गारंटी’ पर जनता ने उन्हें ‘छप्पर फाड़’ के वोट दिए हैं। वहीं बंपर वोटिंग को बीजेपी अपने पक्ष में मान रही है। अब सभी पार्टियों को 3 दिसंबर का इंतजार है। लेकिन, अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो सीएम कौन बनेगा? ये बड़ा सवाल है। दरअसल राजस्थान चुनाव शुरू होने से पहले बीजेपी ने वसुंधरा राजे को साइड लाइन कर रखा था। ऐसे में बीजेपी से कुछ लोगों के नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की रेस में चल रहे हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में..
राजस्थान की विद्याधरनगर सीट से बीजेपी सांसद दीया कुमारी ने चुनाव लड़ा है। इस सीट पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी नरपत सिंह राजवी का टिकट काटा गया था। राजघरान से संबंध रखने वालीं दीया कुमारी को वसुंधरा राजे का विकल्प माना जा रहा है। हालांकि चुनाव से पहले हुए सर्वे में दीया कुमारी को सीएम पद के तौर पर सिर्फ 3 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया था।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
मूल रूप से जैसलमेर के रहने वाले गजेन्द्र सिंह शेखावत केंद्र सरकार में जल शक्ति मंत्री हैं। जोधपुर लोकसभा से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत की राजस्थान में अच्छी पकड़ मानी जाती है। इसी के चलते चुनाव में टिकट बंटवारे में शेखावत की खूब चली। शेखावत ने खुद चुनाव नहीं लड़ा है। लेकिन माना जा रहा है कि अगर बीजेपी को बहुमत मिलता है तो पार्टी केंद्र से इन्हें राजस्थान भेज सकती है। चुनाव से पहले एनडीटीवी के सर्वे में 6 फीसदी लोगों की सीएम के लिए इस बार पहली पसंद गजेंद्र सिंह शेखावत थे।
सतीश पूनिया
राजस्थान में बीजेपी की ओर से सीएम फेस के लिए सतीश पूनिया का भी नाम चल रहा है। दरअसल सतीश पूनिया ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए पार्टी को राज्य में मजबूत किया। मूल रूप से चुरू जिले के राजगढ़ के रहने वाले सतीश पूनिया राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से भी जुड़े रहे हैं। साथ ही पार्टी की टॉप लीडरशिप से भी उनकी अच्छी बनती है।
राजस्थान के ‘योगी’ महंत बालकनाथ
राजस्थान में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले बीजेपी सांसद महंत बालकनाथ का नाम भी सीएम रेस में चल रहा है। ओबीसी वर्ग से आने वाले महंत बालकनाथ मस्तनाथ मठ के आठवें महंत हैं। बालकनाथ तिजारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा है। माना जा रहा है कि अगर बीजेपी यूपी की तरह यहां भी संत को सीएम बना दे कोई हैरान नहीं होना चाहिए। बता दें, चुनाव से पहले एबीपी के सर्वे में राज्य के 13 फीसदी लोगों ने सीएम के लिए अपनी पहली पसंद महंत बालकनाथ को बताया था।
वसुंधरा राजे
राजस्थान बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के दावेदार कई नेता हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम सबसे मजबूत माना जा रहा है। वसुंधरा राजे पार्टी की राज्य में सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। चुनाव से पहले हुए कई सर्वे में प्रदेश की 27 फीसदी जनता ने माना कि इस बार अगर बीजेपी जीतती है तो सीएम वसुंधरा राजे को ही होना चाहिए।
राजस्थान कांग्रेस में अंतर्कलह की खबरें नई नहीं हैं. अशोक गहलोत और सचिन पयालट के बीच की अनबन से सभी वाकिफ हैं. हालांकि, कांग्रेस का साफ बयान है कि पार्टी में कोई टूट नहीं है और सभी नेता एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस नेता रघु शर्मा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भविष्य सचिन पायलट का ही है. हालांकि, उन्होंने अशोक गहलोत के समर्थन में भी बात रखी और कहा कि राजस्थान की सभी सीटों पर सीएम ही लड़ रहे हैं, क्योंकि पांच साल उन्होंने ही प्रदेश चलाया है. मुख्यमंत्री के अंदर यही भावना होनी चाहिए.
रघु शर्मा का कहना है कि सचिन पायलट की पर्सनालिटी अच्छी है, वो बोलते अच्छा हैं और राजस्थान में उनकी पकड़ भी बढ़िया है. इतना ही नहीं, सचिन पायलट को 36 कौम के लोग पसंद करते हैं. ऐसे में जाहिर है कि भविष्य उन्हीं का है. रघु शर्मा ने कहा कि सचिन पायलट ने राजस्थान में कांग्रेस को जिताने के लिए बहुत मेहनत की है. पिछली बार प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर और इस बार सामान्य विधायक के तौर पर उन्होंने कांग्रेस की जीत के लिए पूरी कोशिश की है.
कौन होगा राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा?
इस सवाल के जवाब में रघु शर्मा ने कहा कि अगर कांग्रेस जीतती है तो यह पार्टी की परंपरा रही है कि विधायक दल की बैठक होती है. विधायकों से राय ली जाती है और उसके बाद आलाकमान अंतिम फैसला करता है. देश में आज तक जब भी कांग्रेस की सरकार बनी है, यही पैटर्न फॉलो किया जाता है. सिटिंग सीएम ही क्यों न हों, विधायक दल की बैठक में ही फैसला होता है कि वो रिपीट किए जाएंगे या नहीं. विधायकों की राय और कांग्रेस आलाकमान की मुहर, इन दो चीजों से मुख्यमंत्री तय होता है.
सीएम गहलोत ने हाल ही में बड़ा बयान देते हुए कहा था कि राजस्थान की सभी 200 सीटों पर वही लड़ रहे हैं. इस बयान का समर्तन करते हुए रघु शर्मा ने कहा कि यह सही है. राज्य में हर सीट पर लड़ाई सीएम की ही होती है, क्योंकि उन्होंने पांच साल में प्रदेश को सबसे करीब से देखा है. मुख्यमंत्री का भाव भी यही होना चाहिए, यही उनकी ड्यूटी भी है. इसी का अभाव बीजेपी में है, 200 सीटों पर लड़ाने के लिए बीजेपी के पास कोई चेहरा नहीं है. सब अलग-अलग मुख्यमंत्री बन कर घूम रहे हैं