Diwali Puja Vidhi 2023,Diwali Lakshmi Puja Vidhi, दिवाली के दिन इस विधि से करें पूजा

Diwali Puja Vidhi 2023,Diwali Lakshmi Puja Vidhi, दिवाली के दिन इस विधि से करें पूजा प्रकाश का ये पर्व मुख्य रूप से लक्ष्मी और गणेश जी के पूजन के लिए ख़ास माना जाता है। इस साल दिवाली 24 अक्टूबर को पड़ेगी और इस दिन यदि आप विधि-विधान के साथ पूजन करेंगी तो ये आपके जीवन में समृद्धि के मार्ग खुल जाएंगे और आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति भी होगी। आइए ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इस दिन किस विधि से किया गया पूजन फलदायी होता है। 

दिवाली पूजन विधि 2023 (Diwali Puja Vidhi 2023

  • दिवाली के दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन किया जाता है। उनके पूजन के लिए सबसे पहले आप पूजा स्थान को साफ़ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। 
  • चौकी पर लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति स्थापित करें। यदि संभव हो तो नई मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें और गणेश जी के दाहिनी तरफ माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। 
  • इनके साथ भगवान कुबेर, मां सरस्वती और कलश की भी स्थापना करनी चाहिए। 
  • पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें और चौकी पर भी थोड़ा गंगाजल डालें। हाथ में लाल या पीले फूल लेकर गणेश जी का ध्यान करें और उनके बीज मंत्र – ऊँ गं गणपतये नम:का जाप करें
  • सर्वप्रथम आपको गणेश जी के मंत्रों का जाप और पूजन करना चाहिए।
  • भगवान गणपति का पूजन ‘गजाननम् भूत भू गणादि सेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्। उमासुतं सु शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपाद पंकजम्। इस मंत्र का जाप करें। 
  • गणेश जी को तिलक लगाएं और उन्हें मुख्य रूप से दूर्वा तथा मोदक अर्पित करें। 
  • माता लक्ष्मी का पूजन भगवान गणपति के साथ करें उसके लिए माता लक्ष्मी को लाल सिंदूर का तिलक लगाएं और मां लक्ष्मी के श्री सूक्त मंत्र का पाठ करें।  इनके साथ आप धन कुबेर और मां सरस्वती का पूजन करें। 
  • लक्ष्मी और गणेश जी का विधि विधान से पूजन करने के बाद मां काली का पूजन भी रात्रि में किया जाता है। 
  • पूजन के बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें और भोग अर्पित करें। 
  • आरती के आबाद भोग परिवार जनों में वितरित करें। 
  • लक्ष्मी और गणेश जी के पूजन के बाद दीये प्रज्वलित करें। सबसे पहले आप लक्ष्मी जी के सामने 5 या 7 घी के दीये प्रज्वलित करें। 

दिवाली में लक्ष्मी पूजन का महत्व 

दिवाली के दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और गणपति का पूजन किया जाता है, जिसका विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से यदि पूजन नहीं किया जाए तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। दरअसल इसके पीछे की मान्यता है कि मां लक्ष्मी धन की देवी हैं और उनकी पूजा से धन तथा ऐश्वर्य मिलता है।

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दिवाली का पर्व कार्तिक अमावस्या के दिन होता है और इस दिन धन की देवी को प्रसन्न करने से समृद्धि का आशीष मिलता है। जो लोग माता लक्ष्मी की इस दिन पूजा करते हैं उनकी समस्त मनोकामनाओं को पूर्ति होती है और उनके जीवन से कभी भी धन और ऐश्वर्य कम नहीं होता है

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हर साल कार्तिक कृष्ण की अमावस्या तिथि पर लक्ष्मी पूजा करने का विधान है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध करके लंका विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे। इसी दिन भगवान विष्णु ने दैत्यराज बलि की कैद से लक्ष्मी सहित अन्य देवताओं को छुड़वाया था। उनका सारा धन-धान्य, राजपाठ, वैभव लक्ष्मी जी की कृपा से पुनः परिपूर्ण हुआ था।

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दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है। मां लक्ष्मी भोग की अधिष्ठात्री देवी हैं। इनकी सिद्धि से ही जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त होती है। जहां लक्ष्मी का वास होता है, वहां सुख-समृद्धि का वास होता है। पूरे सच्चे मन के साथ दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा करना चाहिए आइए जानते हैं कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा किस तरह से की जानी चाहिए

लक्ष्मी पूजा की सही विधि क्या है?

लक्ष्मी पूजा की तैयारी सांयकाल से ही शुरू की जाती है। जिसमें एक चौकी पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्तियां इस प्रकार रखें कि लक्ष्मी जी के दायीं दिशा में गणेश रहें और उनका मुख पूर्व दिशा की ओर रहे। उनके सामने बैठकर चावलों पर कलश की स्थापना करें। वरुण के प्रतीक इस कलश पर एक नारियल लाल वस्त्र में लपेटकर इस प्रकार रखें कि केवल अग्रभाग ही दिखाई दे। दो बड़े दीपक लेकर एक में घी और दूसरे में तेल भरकर रखें। एक को मूर्तियों के चरणों में और दूसरे को चौकी की दाई तरफ रखें।

दिवाली पर गणेश जी की पूजा कैसे करें?

चौकी पर रखे गणेश जी के सामने एक छोटा सा दीपक रखें। इसके बाद शुभ मुहूर्त के समय जल, मौली, अबीर, चंदन, गुलाल, चावल, धूपबत्ती, गुड़, फूल, नैवेद्य आदि लेकर सबसे पहले पवित्रीकरण करें। फिर सारे दीपकों को जलाकर उन्हें नमस्कार करें। उन पर चावल छोड़ दें। पहले पुरुष और फिर बाद में स्त्रियां गणेश जी, लक्ष्मी जी और अन्य देवी-देवताओं का विधिवत षोडशोपचार पूजन, श्री सूक्त, लक्ष्मी सूक्त और पुरुष श्री सूक्त का पाठ करें और आरती उतारें।

दिलावी पर लक्ष्मीजी को भोग कैसे लगाएं?

बही खातों की पूजा करने के बाद नए लिखने की शुरुआत करें। तेल के अनेक दीपक जलाकर घर के हर कमरे में, तिजोरी के पास, आंगन में और गैलरी आदि जगह पर रखें। किसी भी जगह पर अंधेरा न रहने दें। खांड की मिठाइयां, पकवान और खीर आदि का भोग लगाकर सबको प्रसाद बांटे।

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